राज्य सरकार ने पिछले एक वर्ष में शासन-प्रशासन के सुदृढ़ीकरण, सभी वर्गों के कल्याण एवं शासकीय सेवकों के हित में महत्वपूर्ण फैसले लिए और उन्हें लागू भी किया हैं। मध्यप्रदेश लोकसेवा अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण अधिनियम 1994 में संशोधन कर अन्य पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षण का प्रावधान 14 से बढ़ाकर 27 प्रतिशत किया गया। इसी दौरान, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को शैक्षणिक संस्थाओं और शासकीय नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण दिया गया। शासकीय सेवाओं में मध्यप्रदेश के युवाओं को प्राथमिकता देने के लिए अभ्यर्थियों का रोजगार कार्यालय में जीवित पंजीयन अनिवार्य किया गया।
राज्य शासन ने खुली प्रतियोगिता से भरे जाने वाले पदों के लिए अधिकतम आयु सीमा 40 वर्ष निर्धारित कर दी है। इसमें अजा, अजजा, अन्य पिछड़ा वर्ग, शासकीय निगम, मंडल, स्वशासी संस्थान, नगर सैनिक, नि:शक्तजन, महिलाओं (अनारक्षित,आरक्षित) आदि के लिए अधिकतम आयु सीमा 45 वर्ष निर्धारित की गई है। इसके अलावा, लोक सेवा आयोग की राज्य सेवा परीक्षा 2019 के लिए अधिकतम आयु सीमा में एक वर्ष की छूट भी दी गई है।
प्रदेश में ''''आपकी सरकार आपके द्वार'''' कार्यक्रम शुरू किया गया है। सभी शासकीय विभागों को ग्रामीण अंचलों में रहने वाली आम जनता की रोजमर्रा की समस्याओं का समाधान और आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए गाँवों के आकस्मिक भ्रमण एवं विकासखंड मुख्यालयों में शिविर लगाए जाने के निर्देश दिए गए हैं। प्रभारी सचिवों को अपने प्रभार के जिले में प्रतिमाह कम से कम एक बार भ्रमण करने के निर्देश दिए गए हैं।
शासन-प्रशासन की मजबूती और लोकसेवकों के कल्याण की कोशिशों का साल